Dhokebaaz Shayari ज़िंदगी के उन पलों को समझने में हमारी मदद करती हैं जब रिश्ते स्वार्थी और बेवफ़ा हो जाते हैं। ये शायरियाँ दिल के दर्द, दोस्ती में धोखे और बेवफ़ाई के गम को बयां करती हैं। ऐसी भावुक शायरियाँ हर उस इंसान की भावनाओं को छूती हैं जिसने दिल टूटने और विश्वासघात का सामना किया है। आज हम आपके लिए ऐसी शायरियाँ लेकर आए हैं जो सरल लेकिन मार्मिक शब्दों में सच्ची भावनाओं को बयां करती हैं, ताकि आप अपने दर्द को बेहद दिल से बयां कर सकें।
Dhokebaaz Shayari

फूलों की तरह दिखने वाले, काँटों सा चुभते हैं
धोखेबाज़ों के चेहरे अक्सर, मासूम से लगते हैं !

जिसे चाहा दिल से, वही सबसे ज्यादा ज़ख़्म दे गया
हमने तो वफ़ा की थी, वो हमें धोखा दे गया !

जिन्दगी की हर मोड़ पर धोखेबाज मिले
उनमें पराये कम, अपने ज्यादा मिले !

धोखा देने वाले तू एक दिन पछताएगा
जब तुझे भी कोई इसी तरह से रुलायेगा !

जमाने को अच्छा समझा, लेकिन वो चालबाज निकला
अपने को अपना समझा, लेकिन वो धोखेबाज निकला !
Matlabi Rishte Dhokebaaz Shayari
धोखा देने वाले को क्या सजा दूं
मेरे अपने ही धोखेबाज निकले !
जिसे हमने अपना समझा उसने ही धोखा दिया
जिस पर किया भरोसा उसने ही दिल तोड़ दिया !
तुमने की तो मोहब्बत जो हमने किया उसका क्या
तुमको मिला तो वो धोखा जो हमने खाया उसका क्या !
नफरत की दुनिया में कौन किसका होता है
धोखा वही देता है जिस पर भरोसा होता है !
इस दिल के हाथों होकर मजबूर मौका दे देते हैं
दिल में रहने वाले लोग तभी तो धोखा देते हैं !
Dhokebaaz Shayari in Hindi

दिल के दर्द को दिखाना बड़ा मुश्किल है
धोखा खा कर बताना बड़ा मुश्किल है !
ज़ख्म दिए ऐसे गहरे, जो कभी भर न पाएँगे
धोखे की ये कहानी हम, किसी को न बता पाएँगे !
हर खेल में हम बाजी मार जाते हैं
पर धोखेबाज से हम बाजी हार जाते हैं !
कभी सोचा ना था वो ऐसे बदल जाएंगे
प्यार के नाम पर यूँ जख्म दे जाएंगे !
हमने जिसे सब कुछ माना
उसने ही हमें कुछ ना समझा
धोखेबाज़ था वो इंसान
जो हर कसम को मज़ाक समझा !
Bewafa Dhokebaaz Shayari

जिसे समझा था हमसफर अपना
वही निकला सबसे बड़ा धोखेबाज़ अपना !
वादे करके तोड़ दिया, कसमें खाकर मुकर गए
धोखेबाज़ों का यही है काम, पल में बदल गए !
धोखा तो मिलना ही था मुझे इस शहर मे
इश्क जो मैने एक बेवफा से किया था !
दिलो जान से चाहा था उसे, लेकिन उसने मेरी
मजबूरी को धोखेबाज का नाम दे दिया !
पल भर में तोड़ दिया हर रिश्ता
झूठे वादों का कैसा था नशा
पीठ पीछे वार किया तुमने
ऐ धोखेबाज़, क्या यही थी वफ़ा?
Dhokebaaz Ladki Shayari

जो उन मासूम आँखों ने दिए थे
वो धोके आज तक मैं खा रहा हूँ !
तुमने की तो मोहब्बत जो हमने किया उसका क्या
तुमको मिला तो वो धोखा जो हमने खाया उसका क्या !
तुमसे प्यार तो ना मिला ये धोखा ही निशानी है
बरसों गुजर गए पर अधूरी हमारी कहानी है !
तेरी मासूमियत का मज़ाक उड़ाया है मैंने
अब तो तेरे झूठ को भी पहचान लिया है मैंने !
नहीं शिकवा मुझे कुछ बेवफ़ाई का तिरी हरगिज़
गिला तब हो अगर तू ने किसी से भी निभाई हो !
Dhokebaaz Shayari Love

वो शक्स धोखेबाज निकला
जिससे मैंने बे-वजह, बे-इंतेहा मोहब्बत की !
वफ़ाओं का ज़माना गया, अब तो धोखेबाज़ी का दौर है
मोहब्बत में हज़ारों ने किया है समझौता, फिर भी सब तन्हा हैं !
मैंने प्यार जितनी तसल्ली से किया
उसने धोखा भी बहुत मजे से दिया !
याद है मुझे हमारी प्यार की कहानी
तेरी बेवफाई का दर्द और मेरी आंखों का पानी !
धोखा खाकर भी हम मुस्कुरा रहे हैं
तुमसे मोहब्बत थी इसलिए निभा रहे हैं !
Dhokebaaz Shayari Hindi

तेरा हर वादा एक झूठा अफसाना निकला
धोखा देना तेरा पुराना बहाना निकला !
अब हम भी उनकी आखों में खटकने लगे हैं
धोखा खाकर उनसे अब दर-दर भटकने लगे हैं !
कौन है इस जहाँ मे जिसे धोखा नहीं मिला
शायद वही है ईमानदार जिसे मौक़ा नहीं मिला !
दिल में छुपा के रखते थे ज़हर, लबों पे थी हँसी
हमने समझा था अपना, निकले वो बेईमान सभी !
धोखा खानेवाले भी, क्या एहसान फरमाते हैं
दुनिया से एक धोखेबाज की, पहचान करवाते हैं !
Shayari Dhokebaaz

जो दिल से चाहते थे, वही दिल तोड़ गए
जिन पर ऐतबार था, वही हमें छोड़ गए !
धोखाबाजों की बस यही निशानी रह जाती है
मतलबी हो जाते हैं लोग, यही कहानी रह जाती है !
दिल तो रोज़ कहता है मुझे कोई सहारा चाहिए
फ़िर दिमाग़ कहता है क्यों तुम्हें धोखा दोबारा चाहिए !
झूठे वादे, फरेब की बातें, ये धोखेबाज़ी का शौक है
दिल टूटते हैं, पर फिर भी ये कोई तोक नहीं है !
वो हर दफा झूठ बोलता रहा, मै सच समझता रहा
कितने धोखे दिए उसने, मै रोज मरता रहा !
Dhokebaaz Dost Shayari

मैंने दोस्ती पर विश्वास रखना छोड़ दिया है
जब से दोस्तों ने बुरे समय में धोखा दिया है !
मौका पड़ने पर दोस्त भी अपना रंग दिखा देते हैं
साथ देंगे या धोखा, इस बात का भी ढंग दिखा देते हैं !
काम बनते ही दास्तों ने अपना रंग दिखा दिया
मुसीबत आने पर हर एक ने मुझे धोखा दिया !
जब भी दोस्तों की जरूरत को महसूस किया
तब तब धोखा देकर उसने मुझे मायूस किया !
न जाने कौन-सी साजिश में दिन गुजरा गया
मैं दुश्मनों से बच गया, पर दोस्तों में मारा गया !
Dhokebaaz Shayari 2 Line

कुछ इस तरह उन्होंने धोखा दिया
कि मेरी ज़िंदगी का हर मकसद छीन लिया !
चार किताबें पढ़कर यहां कुछ हासिल नहीं हुआ
बिना धोखा खाए इस जहां में कोई काबिल नहीं हुआ !
हमारे पास कुछ भी नही बोलने का होता है मौका
जब हमें हमारे अपने ही देते है धोखा !
वो झूठ बोल रहा था बड़े सलीक़े से
मैं एतिबार न करता तो और क्या करता !
धोखा देती है अक्सर मासूम चेहरे की चमक
हर काँच के टुकड़े को हीरा नहीं कहते !
Dhokebaaz Shayari in English

Aitbaar tha tujhpe, isiliye dhoka hua,
Ajnabi hota to itna dard na hota.
Jo kehkar gaya tha kabhi na chhodenge,
Aaj wahi sabse pehle chhod kar chala gaya.
Woh muskurata raha, aur main bikharata raha,
Uske har ek jhooth pe, main vishwas karta raha.
Woh bewafaa tha, ya mein nadan tha,
Sach to yeh hai – pyar to ek dhoka hi tha.
Jinhe humne apna sab kuch samjha,
Wahi humare sabse bade dhokebaaz nikle.
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Conclusion
धोकेबाज़ शायरी दिल के दर्द और बेवफ़ाई को समझने का बेहतरीन ज़रिया है। आप अपने जज़्बात को इन शायरियों में ढूँढ सकते हैं और अपना दर्द शब्दों में व्यक्त कर सकते हैं। अगर आपको ये शायरी पसंद आए, तो इसे अपने दोस्तों के साथ ज़रूर शेयर करें। अपने अनुभव हमें कमेंट में बताएं!
FAQs
Q1. धोकेबाज़ शायरी का मतलब क्या होता है?
धोकेबाज़ शायरी वह शायरी होती है जो धोखे और बेवफ़ाई के जज़्बात को व्यक्त करती है।
Q2. क्या धोकेबाज़ शायरी ओरिजिनल हो सकती है?
हाँ, धोकेबाज़ शायरी असली जज़्बात पर आधारित होकर नई सोच से लिखी जा सकती है।
Q3. धोकेबाज़ शायरी कैसे लिखें?
अपने दिल के दर्द को आसान अल्फ़ाज़ों में बयाँ करते हुए लिखना चाहिए, ताकि लोग उसे आसानी से समझ सकें।
Q4. धोकेबाज़ शायरी हिंदी और इंग्लिश दोनों में मिलेगी?
बिलकुल, धोकेबाज़ शायरी हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषाओं में लिखी और पढ़ी जा सकती है।
Q5. क्या धोकेबाज़ दोस्त शायरी दोस्ती में धोखा दिखाती है?
हाँ, ये शायरी दोस्ती में धोखा और बेवफ़ाई के जज़्बात को बयाँ करती है।